मंगलवार, 22 मई 2018

मैं अपना प्यार - 09



*Quarebam quid Amarem (Latin): मुझे किसी की तलाश है प्‍यार करने के लिये। एनन 9th Century AD
नौंवा दिन
जनवरी १९,१९८२

आज देश व्यापी हड़ताल का दिन है सरकार द्वारा घोषित हड़ताल-विरोधी कानून के खिलाफ। यह कानून सभी प्रकार की हड़तालों को प्रतिबांधित करेगा और गवर्नर को यह अधिकार प्रदान करेगा कि जिससे राष्‍ट्रीय शांति के लिये खतरनाक या अहितकर व्‍यक्ति को अदालत में मुकदमा चलाए बिना गिरफ़तार किया जा सके। कर्मचारियोंके लिये पूरे दिन छुट्टी है। इस आखिल-भार‍तीय हड़ताल की योजना आठ ट्रेड-यूनियनों ने बनाई है, जिन्‍होंने एक अंतिम संयुक्‍त अपील जारी करके मजदूरों को आज काम बन्‍द करने के लिये कहा है। जिन ट्रेड-यूनियनों ने हड़ताल प्रायोजित की है उनमें ऑल इंडिया ट्रेड-यूनियन काँग्रेस (INTUC), सेन्‍टर ऑफ इंडियन ट्रेड-यूनियन (CITU) और भारतीय मजदूर संघ शामिल हैं। हड़ताल, जो सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ है इन्‍टक द्वारा प्रस्‍तावित है और कई छोटी यूनियनों ने इसका समर्थन किया है। मगर रेलवे और टेलिग्राफ और आवश्‍यक सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है; हड़ताल का मुख्‍य असर सार्वजनिक उपक्रमों और निजी उद्योगों पर पड़ेगा।
दिल्‍ली यूनिवर्सिटी ने कक्षाएँ निरस्‍त कर दी हैं। दिल्‍ली के प्रमुख बाज़ार बन्‍द रहेंगे। राज्‍य एवं केन्‍द्र सरकार ने शांति बनाए रखने और उद्योगों के चलते रहने के लिये कई उपाय किये हैं। आवश्‍यक सेवा केन्‍द्रों पर पुलिस वाले और सादे कपड़ो में पुलिसकर्मी तैनात हैं। भारत बन्‍द के दौरान कई असामाजिक तत्‍वों को गिरफ़तार किया गया है। दिल्‍ली में ४२ लोग गिरफ्तार किये गए हैं। यह खबर UNI ने दी हैं।
जा़हिर है, मैं आज कमरे में ही रहना पसन्‍द करुँगा, रेडियो सुनूंगा, किताबें पढॅूगा, मैगजिन्‍स छानूंगा - समय बिताने के लियें। ब्‍लैक कॉफी अभी भी मेरी अच्‍छी दोस्‍त है। कोशिश कर रहा हूँ कि रोजमर्रा की जिन्‍दगी मुझे बेहद बोर न कर दे। सुबह देर से नहाया। सोचो, ये तुम्‍हारी उम्‍मीद के कितना खिलाफ है कि मैं नहाऊँ। मगर मैंने ऐसा किया। तुम मेरे अच्‍छे व्‍यवहार से संतुष्‍ट हो? आज लंच नहीं मिला क्‍योंकि ऑल-इंडिया स्‍ट्राईक है।
मगर लंच-पैकेट बॅाट गये। 11 बजे से 6 बजे तक मुझे तुम्‍हारे खत का इंतजार था, मगर फिर से निराशा ही हाथ लगी। थाईलैण्‍ड जाकर तुम्‍हें एक हफ्ता हो गया...तुम्‍हारे बारे में बिना किसी खबर के। मेरे लिये यह बड़ी निराशाजनक बात है। तुम्‍हें क्‍या हो गया है? क्‍या तुम नहीं जानतीं कि तुम्‍हारे खत के लिये मैं मर रहा हूँ? क्‍या तुम मुझे भूल गई हो? क्‍या मैं इतनी आसानी से भुलाया जा सकता हूँ?
ये सारे ख़याल जबरन दिमाग में घुस आते हैं। लंच टाईम के बाद मैं अपने कमरे में गया और किताबो तथा रेडियो से दिल बहलाने की कोशिश की। पढ़ते-पढ़ते और सुनते-सुनते मेरी आँख लग गई। पाँच बजे मुकुल आया मुझे उठाने। हमने एक दूसरे को विश किया और अपने काम की प्रगति के बारे में बातें करने लगे, ऑल-इंडिया स्‍ट्राईक के बारे में भी बातें कीं। मुकुल एक सच्‍चा दोस्‍त है जो जरूरत के वक्‍़त काम आता है। जब भी मैं बेचैन होता हूँ, वह मेरी मदद के लिये आ जाता है। वह इस मान्‍यता में फिट नहीं बैठता कि ‘‘भारतीय स्‍वार्थी और शोषण करने वाले होते हैं।’’ उसने मुझसे पूछाः
‘‘तुम्‍हारी गर्ल-फ्रेन्‍ड कैसी है?’’
‘‘वह अच्‍छी है,’’ मैंने कहा, ‘‘धन्‍यवाद!’’
मैंने उसे नहीं बताया कि तुम थाईलैण्‍ड गई हो। मैंने इसे हमेशा गुप्‍त ही रखा। उसे इस बारे में शक भी नहीं हुआ। हम एक विषय से दूसरे विषय पर बातें करते रहेः पढ़ाई,धर्म,राजनीति इत्‍यादि। हम गहराई में नहीं गए क्‍योंकि हमें इन विषयों का पर्याप्‍त ज्ञान नहीं था। यह काम हमने विशेषज्ञों के लिये छोड़ दिया। मैंने उसके लिये ब्‍लैक कॉफी बनाई और, जाहिर है, मेरे लिए भी। फिर हम आराम से मिलने जुबिली एक्‍स्‍टेन्‍शन हॉल गये। वह वहाँ नहीं था क्‍योंकि वह हाल ही में नया राऊण्‍ड़ अबाउट (एजेन्‍ट) बना है, यानी वह व्‍यक्ति जो घूम-घूम कर लोगों से ऑर्डर लेता है और उन्‍हें सामान लाकर देता है। बेचारा! हम आगे CIE तक गये इस उम्‍मीद में कि वह वहाँ मिल जाए।
 हमे ताज्‍जुब हुआ यह देखकर कि वह अचान चुएन के कमरे में था। रेवरेण्‍ड चावारा और प्राचक भी वहाँ थें। एक ही किस्‍म के पंछी, जिन्‍हें एक दूसरे का साथ अच्‍छा लगता है। उनके लिये दोस्‍ती दुनिया की हर दौलत से ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है। मैं शत-प्रतिशत सहमत हूँ। कुछ देर बाद हम हॉस्‍टेल के कॉमन रूम में पिंग-पाँग खेलने लाए। खेल से लम्‍बे समय तक दूर रहने के कारण मैं लगभग हर गेम हारता गया। आराम ने काफ़ी तरक्‍की कर ली है, आयान चुएन अपने पहले ही स्‍तर पर है, प्राचक और चावारा बस देख रहे थे।
मैं हॉस्‍टेल गया स्‍पेशल डिनर के लिये। सोम्‍मार्ट अभी तक वापस नहीं लौटा था। मैं नहाने की सोच रहा था, मगर ये सोचकर इरादा बदल दिया कि मैं डिनर के लिये लेट हो जाऊँगा। मैंने नहाने का कार्यक्रम कल तक के लिये स्‍थगित कर दिया। कभी मैं सोचता हूँ कि ‘‘टाल-मटोल करना समय की चोरी करने जैसा है,’’ कभी मैं ऐसा नहीं सोचता। उम्‍मीद है तुम इसके लिए मुझे माफ करोगी।
शाम को अपने प्‍यार की समस्‍याओं के बारे में बात करने वुथिपोंग मेरे पास नहीं आया, शायद प्‍यार ठंडा पड़ रहा है। मैं सोचता हूँ कि वह एक चिर निराश प्रेमी है। मुबारक हो! सोम्‍मार्ट अपनी पढा़ई के बारे में संजीदा है। रात को हम दोनों ने एक दूसरे से बहुत कम बातें कीं। वजह मामूली हैः हम एक दूसरे के मामलों में दखल नहीं देते। मुझे यह अच्‍छा लगता है। सबसे पहली चीज है पढा़ई - बाकी बातें बाद में। सम्रोंग हमारे पास नियमित रूप से आता है। प्राचक अंतर्मुख है। मुझे उसका अकेलापन अच्‍छा लगता है और मैं कभी उसकी जिन्‍दगी में दखल नहीं देता। उसे अपने एकान्‍त का आनन्‍द उठाने दो।
दिल्‍ली में जीवन आज सामान्‍य है। हालात आम तौर पर काबू में हैं। मौसम अभी भी ठण्‍डा है, कोहरा है, मगर हवाएँ नहीं चल रही हैं। चीजें और घटनाएँ तो आती जाती रहती हैं, मगर तुम मेरे दिल में हमेशा हो। तो ये आज के मेरे अंतिम शब्‍द हैं, क्‍योंकि आज की डायरी हम दोनों के बीच हौले से बन्‍द हो रही है। अलबिदा, खुश रहो ... ओह, चलते-चलते, मैं तुमसे प्‍यार करता हूँ!


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